Tuesday, January 18, 2011

मौत तू एक कविता है...

मौत तू एक कविता है...
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको|

डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे,
जर्द सा चेहरा लिए, चाँद उफक तक पहुँचे...
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब,
ना अभी अंधेरा हो, ना उजाला हो, ना रात ना दिन|
जिस्म जब ख़त्म हो, और रूह को साँस आए...

मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको...

-- गुलज़ार

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